The term art is not only restrained to painting or sketching, everything that we see in the region of our eye forms an art. Art is a way to make the earth a more beautiful place to dwell in. life is also a form of art, we are the artists of our life, we can tint it in the way we want. Some people make life an art and some make art their life. Justifying the later statement is Prof. Him Chatterjee who made art his life. he is a professor and chairman of the Department of Visual Arts, Himachal Pradesh University, Shimla. His area of expertise is master strokes not only with brushes and colors but also with pen, pencil, and charcoal. Prof..Him Chatterjee drew the brainwave from his father, to make art his profession. He is a very versatile artist, as has made many fine paintings, murals, sculptures, sketching, etc. fellow-buffalo is the series of sketches he did as a challenge to make it possible to recognize the gender of buffalos by such sketches. Most of his paintings are the illustr
एक दुआ सावन की पहली झड़ी थी,, सुनीता को अस्पताल से कल ही छुट्टी मिली थी,, नन्ही रानू को मालिश कर दाई माँ ने कुनकुने पानी ने नहला दिया था,, दूध पिलाकर सुनीता ने उसे सुलाकर उठी ही थी कि दरवाज़े पर दस्तक के साथ आवाज़ आई - दीदी जी,, ओ दीदी,, कहाँ गयी??? सावन का चंदा और लक्ष्मी के आने का नेग लूंगी हा,, आवाज़ सुनते ही सुनीता ने अपने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया । सुनीता की सास लता बड़बड़ाती बाहर आई,,, अरे ,,, काहे का नेग??? दूसरी बार बेटी जनी,,,, बेटा पैदा होता तो मुँहमाँगा इनाम देती मैं,,,इसके तो जन्म से ही ब्याह की चिंता होने लगी है ।* सुनीता की सास के कटाक्ष सुनते ही हीरा बोली - *अरे अम्मा शुक्र मनाओ कि बिटिया हुई,, हमारे जैसी कलंकित जिंदगी तो नही जिएगी बिटिया रानी,, अरे उसे पढाने -लिखाने और शादी की हैसियत नही आपकी तो हमें दे दो,,हम करेंगे इसकी परवरिश* ,, हीरा की बात सुनकर सुनीता रानू को अपनी गोद मे लेकर बाहर आकर हीरा से कहती है - मौसी,, मेरी बिटिया को आशीर्वाद दो । रानू की बलैया लेती हीरा कहती है *बिटिया पढ़कर इतना नाम कमाए कि जिंदगी भर किसी पर बोझ न बने । जाते-जाते अपने बटुए से मिली